Thursday, January 27, 2011

सुलगती हुई जिंदगी...

This poem is dedicated to all Smokers.....

धीरे से सुलगती हुई जब साँसों में तू जाती है
लगता है ऐसे जैसे जन्मो की प्यास बुझाती है
हर मुश्किल हर परेशानी में बस याद तेरी ही आती है
ना मिले तू तो जैसे जान पर बन आती है
हम हर मिनट हर लम्हा बस तुझे ही सुलगाते रहे
अपनी ही जिंदगी को यू धुए में उड़ाते रहे
जानते है जिंदगी घट रही है हर कश के साथ
फिर भी हर कश के बाद ना जाने क्यों मुस्कुराते रहे

आज हम हैं यहाँ इस बिस्तर पर मौत के इंतज़ार में
सोचते है क्यों पड़े इस धुए के प्यार में
जब जानते थे की मिल रही है मौत हमे उपहार में
अब बंद किया है ढूंढना जीत अपनी हर एक हार में
अब बंद किया है ढूंढना जीत अपनी हर एक हार में||


Smoking kills!!!!! ...Mind it!!

2 comments:

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  2. yes....smoking kills....u as well as other ppl around u....so quit smoking....

    aur bhi bahut kuch hai peene ko...
    aur bhi bahut kuch hai dhua udane ko....

    bhoolne ko kissi ko, dhuk bhoolane ko..
    aur bhi bahut kuch hai sulgaane ko...

    dil belaane ko, dil kisi se lagane ko...
    aur bhi bahut kuch hai janmo ki pyass bhujane ko.....

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