Monday, May 23, 2011

एक तस्वीर

आज आइना देखा तो एक तस्वीर नजर आई 
एक अनजाना चेहरा जो कभी जाना पहचाना सा था
वो रास्ते जिन पर कभी चलने का सोचा ही नहीं 
आज उन रास्तो से क्यूँ दोस्ताना सा था

जूठे चेहरों से भरी धुंधली सी जिंदगी 
हर दर्द पर यूँ हंसती हुई जिंदगी 
हर पल जब यूँ बोझिल सा हो उठा 
याद आया की ये इंसान भी कभी मस्ताना सा था