Saturday, September 15, 2012

जाम का अहसास |

हर जाम के साथ याद जो तेरी आती है
हँसते हुए चेहरे को तनहा कर जाती है
दिल को हलक तक खींच कर 
हर धड़कन का अहसास करा जाती है

कभी सूने चेहरे को हँसा जाती है
कभी खुशिओ में भी रुला जाती है
कभी जाम का स्वाद भुला जाती है
कभी आम को भी कड़वा बना जाती है

कभी ख्वाबों में सजाई थी जिनकी तस्वीर
छुप के उसी तस्वीर को आज निहारा करते हैं
आ जाए अगर वो सामने फिर से 
ना जाने क्यों हम उनसे किनारा करते हैं

कहेते हैं किस्मत वाले वो जिन्हें
प्यार नसीब होता है
नसीब तो उनका होता है
जिनका प्यार उनके करीब होता है

यूँ ही उम्र निकल जाएगी उनकी यादो में 
कुछ अधूरे सपनों और अध्पले  अहसासों में 
निकलेगी हर रात अब
यूँ ही जाम ले हाथो में...यूँ ही जाम ले हाथो में ||

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